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नई दवाओं और टीकों के विकास में नैदानिक परीक्षण को विराम देना या निलंबित करना अक्सर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक नैदानिक परीक्षण की निगरानी एक डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा की जाती है जो नियमित रूप से विभिन्न परीक्षण चरणों के डेटा को देखता है ताकि यह देखा जा सके कि क्या परीक्षण प्रतिभागियों में कोई हानिकारक या प्रतिकूल समस्या हो रही है। बोर्ड इस बात की भी निगरानी करता है कि क्या टीके के प्रभावी होने के कोई साक्ष्य है? यदि नैदानिक परीक्षण के दौरान किसी भी समय बोर्ड को कोई चिंता है, तो वे परीक्षण को तब तक रोकने का सुझाव देंगे जब तक कि वे यह निर्धारित नहीं कर लेते हैं कि a) रोगी(यों) में एक हानिकारक चिकित्सा समस्या का कारण क्या है, b) यदि नैदानिक परीक्षण में टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत स्वस्थ्य हैं, या c) टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत बीमार हैं। बोर्ड द्वारा ये पूर्व-निर्धारित जांच खतरनाक लग सकती हैं, लेकिन ये नैदानिक परीक्षण के सभी चरणों में अक्सर होती हैं। जैसे-जैसे टीके नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं, जिसमें उन्हें दसियों हज़ार लोगों को दिया जाता है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक या अधिक लोग कोई चिकित्सा समस्या विकसित कर लें जो स्वयं टीके से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी। दुष्प्रभावों की सूची जो आप दवाओं पर देखते हैं वे इन नैदानिक परीक्षण चरणों से ही मालूम की जाती हैं। अध्ययनों में पूर्व-निर्धारित प्रोटोकॉल और मानदंड भी होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन सी घटनाएँ उन्हें अपने अन्वेषण चरणों को रोकने या रोकने का कारण बनेंगी। वे नैतिक रूप से परीक्षण जारी नहीं रख सकते हैं यदि उनके पास अपने टीके प्राप्त करने वाले नैदानिक परीक्षण प्रतिभागियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंता के कारण हैं।
नई दवाओं और टीकों के विकास में नैदानिक परीक्षण को विराम देना या निलंबित करना अक्सर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक नैदानिक परीक्षण की निगरानी एक डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा की जाती है जो नियमित रूप से विभिन्न परीक्षण चरणों के डेटा को देखता है ताकि यह देखा जा सके कि क्या परीक्षण प्रतिभागियों में कोई हानिकारक या प्रतिकूल समस्या हो रही है। बोर्ड इस बात की भी निगरानी करता है कि क्या टीके के प्रभावी होने के कोई साक्ष्य है? यदि नैदानिक परीक्षण के दौरान किसी भी समय बोर्ड को कोई चिंता है, तो वे परीक्षण को तब तक रोकने का सुझाव देंगे जब तक कि वे यह निर्धारित नहीं कर लेते हैं कि a) रोगी(यों) में एक हानिकारक चिकित्सा समस्या का कारण क्या है, b) यदि नैदानिक परीक्षण में टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत स्वस्थ्य हैं, या c) टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत बीमार हैं। बोर्ड द्वारा ये पूर्व-निर्धारित जांच खतरनाक लग सकती हैं, लेकिन ये नैदानिक परीक्षण के सभी चरणों में अक्सर होती हैं। जैसे-जैसे टीके नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं, जिसमें उन्हें दसियों हज़ार लोगों को दिया जाता है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक या अधिक लोग कोई चिकित्सा समस्या विकसित कर लें जो स्वयं टीके से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी। दुष्प्रभावों की सूची जो आप दवाओं पर देखते हैं वे इन नैदानिक परीक्षण चरणों से ही मालूम की जाती हैं। अध्ययनों में पूर्व-निर्धारित प्रोटोकॉल और मानदंड भी होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन सी घटनाएँ उन्हें अपने अन्वेषण चरणों को रोकने या रोकने का कारण बनेंगी। वे नैतिक रूप से परीक्षण जारी नहीं रख सकते हैं यदि उनके पास अपने टीके प्राप्त करने वाले नैदानिक परीक्षण प्रतिभागियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंता के कारण हैं।
नई दवाओं और टीकों के विकास में नैदानिक परीक्षण को विराम देना या निलंबित करना अक्सर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक नैदानिक परीक्षण की निगरानी एक डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा की जाती है जो नियमित रूप से विभिन्न परीक्षण चरणों के डेटा को देखता है ताकि यह देखा जा सके कि क्या परीक्षण प्रतिभागियों में कोई हानिकारक या प्रतिकूल समस्या हो रही है। बोर्ड इस बात की भी निगरानी करता है कि क्या टीके के प्रभावी होने के कोई साक्ष्य है?
यदि नैदानिक परीक्षण के दौरान किसी भी समय बोर्ड को कोई चिंता है, तो वे परीक्षण को तब तक रोकने का सुझाव देंगे जब तक कि वे यह निर्धारित नहीं कर लेते हैं कि a) रोगी(यों) में एक हानिकारक चिकित्सा समस्या का कारण क्या है, b) यदि नैदानिक परीक्षण में टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत स्वस्थ्य हैं, या c) टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत बीमार हैं।
बोर्ड द्वारा ये पूर्व-निर्धारित जांच खतरनाक लग सकती हैं, लेकिन ये नैदानिक परीक्षण के सभी चरणों में अक्सर होती हैं। जैसे-जैसे टीके नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं, जिसमें उन्हें दसियों हज़ार लोगों को दिया जाता है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक या अधिक लोग कोई चिकित्सा समस्या विकसित कर लें जो स्वयं टीके से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी।
दुष्प्रभावों की सूची जो आप दवाओं पर देखते हैं वे इन नैदानिक परीक्षण चरणों से ही मालूम की जाती हैं। अध्ययनों में पूर्व-निर्धारित प्रोटोकॉल और मानदंड भी होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन सी घटनाएँ उन्हें अपने अन्वेषण चरणों को रोकने या रोकने का कारण बनेंगी। वे नैतिक रूप से परीक्षण जारी नहीं रख सकते हैं यदि उनके पास अपने टीके प्राप्त करने वाले नैदानिक परीक्षण प्रतिभागियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंता के कारण हैं।
नई दवाओं और टीकों के विकास में नैदानिक परीक्षण को विराम देना या निलंबित करना अक्सर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रत्येक नैदानिक परीक्षण की निगरानी एक डेटा और सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा की जाती है जो नियमित रूप से विभिन्न परीक्षण चरणों के डेटा को देखता है ताकि यह देखा जा सके कि क्या परीक्षण प्रतिभागियों में कोई हानिकारक या प्रतिकूल समस्या हो रही है। बोर्ड इस बात की भी निगरानी करता है कि क्या टीके के प्रभावी होने के कोई साक्ष्य है?
यदि नैदानिक परीक्षण के दौरान किसी भी समय बोर्ड को कोई चिंता है, तो वे परीक्षण को तब तक रोकने का सुझाव देंगे जब तक कि वे यह निर्धारित नहीं कर लेते हैं कि a) रोगी(यों) में एक हानिकारक चिकित्सा समस्या का कारण क्या है, b) यदि नैदानिक परीक्षण में टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत स्वस्थ्य हैं, या c) टीका प्राप्त करने वाले व्यक्ति टीका नहीं प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की तुलना में बहुत बीमार हैं।
बोर्ड द्वारा ये पूर्व-निर्धारित जांच खतरनाक लग सकती हैं, लेकिन ये नैदानिक परीक्षण के सभी चरणों में अक्सर होती हैं। जैसे-जैसे टीके नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं, जिसमें उन्हें दसियों हज़ार लोगों को दिया जाता है, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक या अधिक लोग कोई चिकित्सा समस्या विकसित कर लें जो स्वयं टीके से संबंधित हो भी सकती है और नहीं भी।
दुष्प्रभावों की सूची जो आप दवाओं पर देखते हैं वे इन नैदानिक परीक्षण चरणों से ही मालूम की जाती हैं। अध्ययनों में पूर्व-निर्धारित प्रोटोकॉल और मानदंड भी होते हैं जो यह निर्धारित करते हैं कि कौन सी घटनाएँ उन्हें अपने अन्वेषण चरणों को रोकने या रोकने का कारण बनेंगी। वे नैतिक रूप से परीक्षण जारी नहीं रख सकते हैं यदि उनके पास अपने टीके प्राप्त करने वाले नैदानिक परीक्षण प्रतिभागियों के स्वास्थ्य के बारे में चिंता के कारण हैं।
हाल ही में, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय और AzstraZeneca (एक दवा कंपनी) द्वारा बनाए गए टीके के लिए एक नैदानिक परीक्षण को सुरक्षा चिंताओं के कारण रोक दिया गया था। यह परीक्षण तीसरे चरण में था, और इसे इस लिए रोका गया क्योंकि एक मरीज ने "ट्रांसवर्स मायलाइटिस" विकसित कर लिया था जिसके कारण रीढ़ की हड्डी की सूजन से उत्पन्न होने वाली तंत्रिका संबंधी समस्याएं हुईं। (यह लिखे जाने के समय तक, वो परीक्षण पुनः आरंभ हो चूका है)।
इस परीक्षण प्रतिभागी को टीका दिया गया था ना कि प्रायोगिक औषध (जो एक हानिरहित पदार्थ है जिसका किसी व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, और नैदानिक परीक्षणों में सक्रिय टीकों के परिणामों की तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है)। हालांकि, यह अज्ञात है कि मरीज की बीमारी उन्हें दिए गए टीके के कारण हुई या किसी अन्य चिकित्सा समस्या के कारण हुई। कारण जो भी हो, सुरक्षा बोर्ड ने टीके को रोकने का सुझाव दिया, जो टीके के नैदानिक परीक्षणों के बाद के चरणों में पहुँच जाने के बाद अक्सर होता है।
12 अक्टूबर, 2020 को, जॉनसन एंड जॉनसन ने घोषणा करी थी कि एक प्रतिभागी में "अस्पष्टीकृत बीमारी" के कारण उसके जेनसेन कोविड-19 टीका उम्मीदवार का चरण 3 नैदानिक परीक्षण रोक दिया गया था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वो एक अप्रत्याशित गंभीर प्रतिकूल घटना (SAE) की रिपोर्ट के कारण अध्ययन को कब रोकना है, इस पर अपने निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है, इसलिए "अध्ययन को फिर से शुरू करने का निर्णय लेने से पहले सभी चिकित्सीय जानकारी की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जा सकती है।”
इस प्रविष्टि को 13 अक्टूबर, 2020 को नई जानकारी के साथ अपडेट किया गया था।
हाल ही में, ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय और AzstraZeneca (एक दवा कंपनी) द्वारा बनाए गए टीके के लिए एक नैदानिक परीक्षण को सुरक्षा चिंताओं के कारण रोक दिया गया था। यह परीक्षण तीसरे चरण में था, और इसे इस लिए रोका गया क्योंकि एक मरीज ने "ट्रांसवर्स मायलाइटिस" विकसित कर लिया था जिसके कारण रीढ़ की हड्डी की सूजन से उत्पन्न होने वाली तंत्रिका संबंधी समस्याएं हुईं। (यह लिखे जाने के समय तक, वो परीक्षण पुनः आरंभ हो चूका है)।
इस परीक्षण प्रतिभागी को टीका दिया गया था ना कि प्रायोगिक औषध (जो एक हानिरहित पदार्थ है जिसका किसी व्यक्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, और नैदानिक परीक्षणों में सक्रिय टीकों के परिणामों की तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है)। हालांकि, यह अज्ञात है कि मरीज की बीमारी उन्हें दिए गए टीके के कारण हुई या किसी अन्य चिकित्सा समस्या के कारण हुई। कारण जो भी हो, सुरक्षा बोर्ड ने टीके को रोकने का सुझाव दिया, जो टीके के नैदानिक परीक्षणों के बाद के चरणों में पहुँच जाने के बाद अक्सर होता है।
12 अक्टूबर, 2020 को, जॉनसन एंड जॉनसन ने घोषणा करी थी कि एक प्रतिभागी में "अस्पष्टीकृत बीमारी" के कारण उसके जेनसेन कोविड-19 टीका उम्मीदवार का चरण 3 नैदानिक परीक्षण रोक दिया गया था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा कि वो एक अप्रत्याशित गंभीर प्रतिकूल घटना (SAE) की रिपोर्ट के कारण अध्ययन को कब रोकना है, इस पर अपने निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है, इसलिए "अध्ययन को फिर से शुरू करने का निर्णय लेने से पहले सभी चिकित्सीय जानकारी की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जा सकती है।”
इस प्रविष्टि को 13 अक्टूबर, 2020 को नई जानकारी के साथ अपडेट किया गया था।