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हवाई यात्रा टीका लगे हुए लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम नहीं बढ़ाती है । हालांकि हवाई यात्रा कर रहे लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन इसका संबंध कोविड-19 के टीकों से नहीं है और इस प्रकार के खून के थक्के उन खून के थक्कों से अलग हैं जो उन बहुत कम मामलों में पाए गए हैं जहाँ लोगों को एस्ट्राज़ेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन टीके लगे थे ।
हवाई यात्रा टीका लगे हुए लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम नहीं बढ़ाती है । हालांकि हवाई यात्रा कर रहे लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम बढ़ जाता है, लेकिन इसका संबंध कोविड-19 के टीकों से नहीं है और इस प्रकार के खून के थक्के उन खून के थक्कों से अलग हैं जो उन बहुत कम मामलों में पाए गए हैं जहाँ लोगों को एस्ट्राज़ेनेका या जॉनसन एंड जॉनसन टीके लगे थे ।
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हवाई यात्रा से उन लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम बढ़ सकता है जिन्हें कोविड-19 के टीके लगे हैं ।
हालांकि उड़ान के दौरान लोगों में खून के थक्के बन सकते हैं, जिसमें सबसे अधिक संभावना डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (डीवीटी) की है, लेकिन इनका टीके से कोई संबंध नहीं है । ये थक्के उड़ान के दौरान ज़्यादातर पैरों में बनते हैं जिसके अन्य कारणों में शामिल हैं गतिविधि की कमी, लंबे समय तक बैठे रहना, नसों के बीच में क्षति और धीमा रक्त प्रवाह, और हवा का दबाव। पैरों में बने ये थक्के टूट सकते हैं और फेफड़ों में पहुंच सकते हैं, जिसका संभावित नतीजा फ़ेफ़ड़ों की धमनियों में अचानक अवरोध हो सकता है जिसे पलमनरी एम्बोलिज़म कहते हैं ।
खून के थक्कों की संभावना बढ़ाने में हवाई यात्रा एक ज्ञात जोखिम कारक है। ऐसा ही ज्ञात जोखिम कारक कार, बस, या ट्रेन यात्रा भी है । ज़्यादातर लोग जिनमें हवाई यात्रा की वजह से डीवीटी विकसित होता है, उनमें अन्य कारक होते हैं जो उनके जोखिम को बढ़ाते हैं जैसे खून के थक्के बनने का इतिहास, हाल ही में हुए ऑपरेशन, चोटें, खून के थक्के, हॉरमोन रिप्लेसमेंट, गर्भावस्था, वृद्धावस्था, मोटापा और अन्य।
वर्तमान में, उड़ान के दौरान खून के थक्कों में बढ़ोतरी को किसी कोविड-19 टीके से जोड़ने वाला कोई डेटा नहीं है। टीका लगी हुई आबादी के एक बेहद छोटे हिस्से में जो थक्के बने हैं, वे विशिष्ट और अनोखे हिस्सों में बने हैं; डीवीटी से बहुत अलग।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपे हाल के एक अध्ययन के मुताबिक, एस्ट्राज़ेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित कोविड-19 टीके नसों में बने थक्कों से जुड़े हैं जिनमें मस्तिष्क की नसें शामिल हैं । इस प्रकार के थक्के सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रॉम्बोसिस (सीएसवीटी) कहलाते हैं और ये बहुत कम होते हैं ।
जिन लोगों में टीका लगने के बाद थक्के बने (जिसे ‘थ्रॉम्बोसिस’ भी कहते हैं), उनके एक विश्लेषण में जर्मन वैज्ञानिकों ने पाया कि एस्ट्राज़ेनेका टीका पाने वाले नौ लोगों में सीएसवीटी था। तीन अन्य लोगों के पेट की नसों में खून के थक्के थे, और तीन लोगों को पलमनरी एम्बोलिज़म था जो कि फ़ेफ़ड़ों में खून के थक्के होते हैं। एक व्यक्ति के मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ, और चार लोगों में अन्य प्रकार के खून के थक्के थे। पांच मरीज़ों के शरीर के विभिन्न भागों में खून के थक्के थे जो छोटी रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध करते हैं।
अन्य अध्ययनों से पता चला है कि एस्ट्राज़ेनेका टीका पाने वाले बहुत ही कम लोगों में उन धमनियों में थक्के बने जो खून को हृदय से शरीर की अन्य अंगों में ले जाती हैं।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र ने पाया कि जिन लोगों को जॉनसन एंड जॉनसन के टीके लगे, उनमें पाए गए खून के थक्कों का प्रकार भी सीएसवीटी था। संस्था का मानना है कि टीके के फ़ायदे अब भी जोखिमों से ज़्यादा हैं । ये थक्के लगभग पूरी तरह से 50 वर्ष से कम उम्र की युवा महिलाओं में पाए गए हैं। यह टीका लगने के बाद थक्के बनने का जोखिम लगभग 1 करोड़ में 9 है और आम आबादी में और भी ज़्यादा, क्योंकि 1000 में से 1 से अधिक लोगों में आमतौर पर थक्के बनते हैं।
इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हवाई यात्रा से उन लोगों में खून के थक्के बनने का जोखिम बढ़ सकता है जिन्हें कोविड-19 के टीके लगे हैं ।
हालांकि उड़ान के दौरान लोगों में खून के थक्के बन सकते हैं, जिसमें सबसे अधिक संभावना डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (डीवीटी) की है, लेकिन इनका टीके से कोई संबंध नहीं है । ये थक्के उड़ान के दौरान ज़्यादातर पैरों में बनते हैं जिसके अन्य कारणों में शामिल हैं गतिविधि की कमी, लंबे समय तक बैठे रहना, नसों के बीच में क्षति और धीमा रक्त प्रवाह, और हवा का दबाव। पैरों में बने ये थक्के टूट सकते हैं और फेफड़ों में पहुंच सकते हैं, जिसका संभावित नतीजा फ़ेफ़ड़ों की धमनियों में अचानक अवरोध हो सकता है जिसे पलमनरी एम्बोलिज़म कहते हैं ।
खून के थक्कों की संभावना बढ़ाने में हवाई यात्रा एक ज्ञात जोखिम कारक है। ऐसा ही ज्ञात जोखिम कारक कार, बस, या ट्रेन यात्रा भी है । ज़्यादातर लोग जिनमें हवाई यात्रा की वजह से डीवीटी विकसित होता है, उनमें अन्य कारक होते हैं जो उनके जोखिम को बढ़ाते हैं जैसे खून के थक्के बनने का इतिहास, हाल ही में हुए ऑपरेशन, चोटें, खून के थक्के, हॉरमोन रिप्लेसमेंट, गर्भावस्था, वृद्धावस्था, मोटापा और अन्य।
वर्तमान में, उड़ान के दौरान खून के थक्कों में बढ़ोतरी को किसी कोविड-19 टीके से जोड़ने वाला कोई डेटा नहीं है। टीका लगी हुई आबादी के एक बेहद छोटे हिस्से में जो थक्के बने हैं, वे विशिष्ट और अनोखे हिस्सों में बने हैं; डीवीटी से बहुत अलग।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपे हाल के एक अध्ययन के मुताबिक, एस्ट्राज़ेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा निर्मित कोविड-19 टीके नसों में बने थक्कों से जुड़े हैं जिनमें मस्तिष्क की नसें शामिल हैं । इस प्रकार के थक्के सेरेब्रल वेनस साइनस थ्रॉम्बोसिस (सीएसवीटी) कहलाते हैं और ये बहुत कम होते हैं ।
जिन लोगों में टीका लगने के बाद थक्के बने (जिसे ‘थ्रॉम्बोसिस’ भी कहते हैं), उनके एक विश्लेषण में जर्मन वैज्ञानिकों ने पाया कि एस्ट्राज़ेनेका टीका पाने वाले नौ लोगों में सीएसवीटी था। तीन अन्य लोगों के पेट की नसों में खून के थक्के थे, और तीन लोगों को पलमनरी एम्बोलिज़म था जो कि फ़ेफ़ड़ों में खून के थक्के होते हैं। एक व्यक्ति के मस्तिष्क में रक्तस्राव हुआ, और चार लोगों में अन्य प्रकार के खून के थक्के थे। पांच मरीज़ों के शरीर के विभिन्न भागों में खून के थक्के थे जो छोटी रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध करते हैं।
अन्य अध्ययनों से पता चला है कि एस्ट्राज़ेनेका टीका पाने वाले बहुत ही कम लोगों में उन धमनियों में थक्के बने जो खून को हृदय से शरीर की अन्य अंगों में ले जाती हैं।
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र ने पाया कि जिन लोगों को जॉनसन एंड जॉनसन के टीके लगे, उनमें पाए गए खून के थक्कों का प्रकार भी सीएसवीटी था। संस्था का मानना है कि टीके के फ़ायदे अब भी जोखिमों से ज़्यादा हैं । ये थक्के लगभग पूरी तरह से 50 वर्ष से कम उम्र की युवा महिलाओं में पाए गए हैं। यह टीका लगने के बाद थक्के बनने का जोखिम लगभग 1 करोड़ में 9 है और आम आबादी में और भी ज़्यादा, क्योंकि 1000 में से 1 से अधिक लोगों में आमतौर पर थक्के बनते हैं।
सोशल मीडिया पोस्ट्स ने विशिष्ट कोविड-19 टीकों से बनने वाले खून के थक्कों के दुर्लभ दुष्प्रभाव को उड़ान के दौरान खून के थक्के बनने के बढ़े हुए जोखिम से जोड़ा है जो कि ग़लत है। काफ़ी चर्चित हो रही एक लोकप्रिय कहानी का दावा था कि एयरलाइन के अधिकारियों ने हाल ही में टीका लगे हुए यात्रियों से जुड़े जोखिमों पर चर्चा करने लिए मुलाक़ात की क्योंकि उड़ान के दौरान वे (यात्री) खून के थक्के बनने के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
बहुत सारे मीडिया केंद्रों और कई एयरलाइन कंपनियों ने इस बात का ज़ोरदार खंडन किया है कि यह बैठक हुई थी। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ ने भी इस दावे का खंडन करने वाला एक वक्तव्य जारी किया। इसके अलावा, कोविड-19 टीकों से जुड़े बेहद दुर्लभ रुधिर स्कंदन (खून के थक्के बनना) और लंबी दूरी की यात्रा के कारण बनने वाले खून के थक्कों के बीच संबंध होने का कोई सबूत नहीं है।
सोशल मीडिया पोस्ट्स ने विशिष्ट कोविड-19 टीकों से बनने वाले खून के थक्कों के दुर्लभ दुष्प्रभाव को उड़ान के दौरान खून के थक्के बनने के बढ़े हुए जोखिम से जोड़ा है जो कि ग़लत है। काफ़ी चर्चित हो रही एक लोकप्रिय कहानी का दावा था कि एयरलाइन के अधिकारियों ने हाल ही में टीका लगे हुए यात्रियों से जुड़े जोखिमों पर चर्चा करने लिए मुलाक़ात की क्योंकि उड़ान के दौरान वे (यात्री) खून के थक्के बनने के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
बहुत सारे मीडिया केंद्रों और कई एयरलाइन कंपनियों ने इस बात का ज़ोरदार खंडन किया है कि यह बैठक हुई थी। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ ने भी इस दावे का खंडन करने वाला एक वक्तव्य जारी किया। इसके अलावा, कोविड-19 टीकों से जुड़े बेहद दुर्लभ रुधिर स्कंदन (खून के थक्के बनना) और लंबी दूरी की यात्रा के कारण बनने वाले खून के थक्कों के बीच संबंध होने का कोई सबूत नहीं है।